April 26, 2024

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कब है सावन का पहला सोमवार? नोट कर लें शिव पूजा की पूरी सामग्री

14 जुलाई 2022 से सावन माह (Sawan 2022 Start Date) की शुरुआत हो रही है. शिव की आराधना के लिए सावन का महीना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. खासकर सावन सोमवार के विशेष महत्व होता है. सावन के पांचों सोमवार के दिन जलाभिषेक, रुद्राभिषेक करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई 2022 (First Sawan somwar 2022) को है. भगवान शंकर को भोलेनाथ की उपाधि इसी कारण मिली कि क्योंकि वो स्वभाव से बेहद भोले हैं. मात्र एक लोटा जल अर्पित करने से ही खुश हो जाते हैं लेकिन सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर इन विशेष सामग्री से भी शिव जी की पूजा करें. आइए जानते हैं सावन सोमवार की पूरी पूजन सामग्री…

सावन सोमवार 2022 डेट (Sawan Somwar 2022 Date Calendar)

पहला सावन सोमवार- 18 जुलाई 2022

दूसरा सावन सोमवार- 25 जुलाई 2022

तीसरा सावन सोमवार- 1 अगस्त 2022

चौथा सावन सोमवार- 8 अगस्त 2022

पांचवा सावन सोमवार- 12 अगस्त 2022

सावन सोमवार की पूजन सामग्री और लाभ (Sawan Somvar 2022 Puja Samagri List and Benefit)

कच्चा दूध – सावन सोमवार की पूजा में शिव को दूध चढ़ाया जाए तो उससे उत्तम स्वास्थ लाभ मिलता है.
दही – सावन सोमवार पर शिवलिंग को दही अर्पित करने से स्वभाव में गंभीरता आती है.
घी – शिवलिंग पर घी अर्पित करने से हमारी शक्ति बढ़ती है.
शहद – भोलेनाथ को शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है.
भांग – भांग भोलेनाथ को अर्पित करने से हमारी बुराइयां दूर होती हैं.
शक्कर- शक्कर चढ़ाने से सुख और समृद्धि बढ़ती है.
केसर – केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है.
चंदन – शिवजी को चंदन चढ़ाने से समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है.
धतूरा – पुराण के अनुसार शिव ने सागर मंथन से निकले विष को पी लिया था. जिसके बाद धतूरा, भांग, बेल आदि औषधियों से उनकी व्याकुलता दूर की थी.
बेलपत्र – बेलपत्र शिव का ही रूप माना गया है, बेलपत्र की तीन पत्तियां भगवान शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक हैं.
अक्षत – अक्षत के बिना शिव पूजा अधूरी मानी जाती है.
भस्म – शरीर पर भस्म रमा कर भगवान शिव खुद को मृत आत्मा से जोड़ते हैं.
रुद्राक्ष – शिव जी और रुद्राक्ष एक दूसरे के पर्याय हैं. रुद्राक्ष में शिव का वास होता है.
शमी के पत्ते, इत्र, शक्कर, गंगाजल, गन्ने का रस, पान का पत्ता, लौंग, इलायची, फल, कपूर, धूप, दीप
शिव के प्रिय फूल (कनेर, हरसिंगार,धतूर के पुष्प, आक आदि)