November 10, 2024

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फर्राटा भरने के लिए तैयार है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

विकास की दौड़ में पीछे छूट गए बुंदेलखंड (Bundelkhand) के इलाके को अब पंख लगने जा रहा है। पिछड़ेपन का दंश झेल रहे बुंदेलखंड को अगले सप्ताह से विकास की रफ्तार मिल जाएगी। सुदूर चित्रकूट से देश की राजधानी नई दिल्ली तक का सफर करीब 7 से 8 घंटे में पूरा हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) चित्रकूट से इटावा को जोड़ने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) का लोकार्पण 12 जुलाई को करेंगे। यह एक्सप्रेसवे क्यों अहम है, समझिए हर एक बात।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2020 में चित्रकूट जनपद के भरतकूप से किया था। बोर्ड बैठक में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना में चेंज ऑफ स्कोप के तहत करवाए जा रहे कार्यों के लिए बोर्ड ने मंजूरी मिली। UPEIDA के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में हुई यूपीडा की 75वीं बोर्ड बैठक में इसकी जानकारी दी गई। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का काम तकरीबन पूरा हो गया है। अब प्रधानमंत्री इसका लोकार्पण करेंगे।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से लाभ
एक्सप्रेसवे के निर्माण से बुंदेलखंड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए तेज और सुगम यातायात कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास की राह विकसित होगी। एक्सप्रेसवे के नियंत्रित होने से ईंधन की खपत में महत्वपूर्ण बचत और प्रदूषण पर नियंत्रण भी संभव होगा। परियोजना के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र आर्थिक और सामाजिक रूप से विकसित होगा साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और औद्योगिक आय में भी वृद्धि होगी।
विभिन्न निर्माण इकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादक क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए, एक्सप्रेसवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में स्थापित, एक औद्योगिक गलियारा विकसित किया जाएगा जो क्षेत्र के ओमनी दिशात्मक विकास में सहायता करेगा। एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान एवं चिकित्सा संस्थान आदि की स्थापना के भी अवसर प्राप्त होंगे। एक्सप्रेसवे हथकरघा उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण, बाजार और दूध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा।