December 11, 2024

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इन तीन विकल्पों से तय होगा महाराष्ट्र सरकार का भविष्य

महाराष्ट्र की सियासत में घमासान के बीच उद्धव सरकार (Uddhav Government) पर संकट के बादल छाए हुए हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक शिवसेना के कुल 55 विधायकों में से सिर्फ 16 विधायक सीएम ठाकरे के खेमे में हैं. ऐसे में पार्टी में खलबली मची हुई है. इस बीच विधायकों के साथ-साथ अब सांसद भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आते दिखाई दे रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना (Shiv Sena) से बागी हुए नेता एकनाथ शिंदे गुट ने दावा किया है कि उनके पास 49 विधायकों का समर्थन है.

महाराष्ट्र में फिलहाल जिस तरह के हालात बन रहे है उससे उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की कुर्सी जाना तय नजर आ रहा है. लेकिन अभी भी उद्धव ठाकरे के पास तीन विकल्प हैं जिससे महाराष्ट्र सरकार का भविष्य बचाया जा सकता है.

पहला विकल्प- एकनाथ को सीएम बना दे

शिवसेना के बागी विधायक जिस तरह एकनाथ शिंदे का साथ दे रहे हैं. उससे उद्धव ठाकरे के सामने कुर्सी से पहले पार्टी और सत्ता तो बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है. वहीं दूसरी तरफ विधायकों का बगावती तेवर देखते हुए एक विकल्प ये सामने आता है कि उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को सीएम का पद दे दें. अगर शिंदे को मुख्यमंत्री बन दिया जाता है तो ऐसी संभावना है कि शिवसेना के सामने आया यह सियासी संकट टल जाए.

हालांकि बुधवार को एकनाथ शिंदे ने एक ट्वीट करते हुए शिवसेना के कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन को अप्राकृतिक बताया था. उन्होंने कहा था कि इस गठबंधन से बाहर निकलन जरूरी है. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना के कार्यकार्ताओं का कहना है कि कांग्रेस-एनसीपी के साथ उनके पार्टी की विचारधारा किसी भी तरह मेल नहीं खाती है.

दूसरा विकल्प- शिवसेना, बीजेपी से हाथ मिला ले

शिवसेना से बागी हुए कार्यकर्ताओं का मानना है कि कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना दो अलग अलग विचारधारा की पार्टियां हैं. बागी विधायक और शिंदे इस गठबंधन को तोड़ने के पक्ष में है. ऐसे में उद्धव ठाकरे के सामने एक ऑप्शन ये भी आता है कि कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला ले.

तीसरा विकल्प- एकनाथ शिंदे शिवसेना तोड़ने में कामयाब हो जाएं

एकनाथ शिंदे बागी तेबर अख्तियार करते हुए शिवसेना को कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन तोड़, बीजेपी के साथ सरकार बनाने का विकल्प दे रहे हैं. ऐसे में अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना तोड़ने में कामयाब हो जाते और बीजेपी से हाथ मिला लेने का विकल्प भी है.

शिवसेना के भीतर बगावत के कारण महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार संकट के बादल मंडरा रहे हैं. सीएम उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि वह पार्टी के विधायकों को अपना इस्तीफा सौंपने के लिए तैयार हैं, जो उसे राजभवन ले जा सकते हैं. यही नहीं उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना के कार्यकर्ता चाहते हैं तो वह पार्टी प्रमुख का पद भी छोड़ने के लिए तैयार हैं.

उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी विधायकों का एक खेमा उन्हें हटाने की साजिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायक नाराज होकर सूरत जाने की बजाय उनके साथ अपनी भावनाओं का शेयर कर सकते थे. उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर उनकी पार्टी का एक भी विधायक उनके खिलाफ है तो यह उनके लिए शर्म की बात है. उन्होंने साफ किया कि वह पार्टी विधायकों की मांग पर इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.