डीसीजीआई ने कोर्बेवैक्स को कोरोना की बूस्टर खुराक के रूप लगाने की अनुमति दे दी है। बॉयोलॉजिकल ई लिमिटेड ने इसकी घोषणा की है। इससे डीसीजीआई ने पिछले साल 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में सीमित उपयोग के लिए इस वैक्सीन को लगाने की अनुमति दी थी।
इसके बाद 9 मार्च को कुछ शर्तों के साथ डीजीसीए ने 12 से 17 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को कोर्बेवैक्स वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी थी। हाल ही में बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने डीसीजीआई को अपने रिसर्च का विस्तृत डाटा सौंपा था। एक्सपर्ट कमेटी द्वारा इसपर विस्तृत चर्चा और परीक्षण के बाद फैसला किया गया गया कि कोर्बेवैक्स को बूस्टर डोज के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। जिन लोगों को कोवैक्सीन या कोविडशील्ड लगी है वो लोग भी बूस्टर डोज के तौर पर कोर्बेवैक्स वैक्सीन ले सकते हैं।
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के मुताबिक भारत में अबतक बच्चों को कॉर्बेवैक्स की 51.7 मिलियन खुराक दी जा चुकी है। कंपनी के मुताबिक 17.4 मिलियन बच्चों को कॉर्बेवैक्स की दोनों डोज लग चुकी है। गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में DCGI ने 5 से 12 तक के बच्चों के लिए जैविक E के Covid-19 वैक्सीन Corbevax के आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की थी।
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