April 26, 2024

Jagriti TV

न्यूज एवं एंटरटेनमेंट चैनल

बूस्टर डोज के लिए पैसा क्यों ले रही सरकार?

कोरोना वायरस से पैदा हुई महामारी कोविड-19 के खिलाफ भारत में टीकाकरण अभियान का अगला चरण रविवार से शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने 18 वर्ष की उम्र से ऊपर के सभी लोगों को तीसरी यानी बूस्टर या प्रिकॉशन डोज लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। अब तक 60 वर्ष से ऊपर की उम्र के लोगों को ही बूस्टर डोज दी जा रही थी। सरकार ने नए फैसले में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि प्रिकॉशन डोज सिर्फ 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को ही मुफ्त में लगाई जाएगी, उनसे कम उम्र के लोगों से वैक्सीन का भुगतान करना होगा। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि सरकार दो डोज मुफ्त में लगा सकती है और 60 वर्षों से ऊपर के बुजुर्गों को तीसरी डोज भी मुफ्त दे सकती है तो 18 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को भी तीसरी डोज फ्री में क्यों नहीं दे सकती?

96% लोगों को लग चुकी कम-से-कम एक डोज
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) के प्रेसिडेंट के. श्रीनाथ रेड्डी ने हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया (ToI) में अपने लेख के जरिए इसका जवाब विस्तार से दिया है। वो आंकड़ों का हवाला देकर कहते हैं कि हालिया अनुमानों के मुताबिक 15 वर्ष से ज्यादा उम्र की 96 प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम-से-कम एक डोज लग चुकी है जबकि 83% को दोनों खुराक दी जा चुकी है। सरकार स्वास्थ्यकर्मियों समेत तमाम फ्रंटलाइन वर्करों और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त में बूस्टर डोज अभी दे रही है।
आखिर 18 से 60 वर्ष के लिए बूस्टर डोज फ्री क्यों नहीं?
दरअसल, कोरोना के इतने वेरियेंट आए कि दुनिया के कई देशों में तीसरी डोज देने की वकालत की जाने लगी। अब तक यह स्पष्ट हो चुका है कि मौजूदा वैक्सीन शुरुआती संक्रमण को रोकने के मुकाबले गंभीर बीमारियों के खिलाफ ज्यादा कारगर हैं, इस कारण 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त में बूस्टर डोज देने का प्रावधान जारी रहेगा। दरअसल, कोरोना वायरस बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों पर ही घातक असर होता है। ऐसे में विशेषज्ञों के एक बड़े वर्ग की सलाह है कि सभी को बूस्टर डोज देने के बजाय सिर्फ उन्हीं को अनिवार्य रूप से दी जाए जिन्हें वायरस से संक्रमित होने पर गंभीर बीमारी होने या जिनके जान जाने का खतरा हो। जिन लोगों को संक्रमण होने के बाद बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिखने या फिर सामान्य लक्षण दिखने की संभावना है, उसे बूस्टर डोज देने की जरूरत नहीं मानी जा रही है।