April 25, 2024

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दिवालिया श्रीलंका के लिए सरकार के परिवारवाद को ही जिम्मेदार क्यों मान रहे लोग?

ICU में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था

अप्रैल 2021 का कर्ज- 3500 करोड़ डॉलर
अप्रैल 2022 का कर्ज- 5100 करोड़ डॉलर
अप्रैल 2021 में श्रीलंका पर कुल कर्ज 3500 करोड़ डॉलर का था, जो महज एक साल में बढ़कर 5100 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है. श्रीलंका के कर्ज में ज्यादातर हिस्सा ऐसे कर्ज का है, जिसे न चुका पाने की उसे भारी कीमत देनी पड़ी रही है.

श्रीलंका ने कहां से लिया कर्ज

बाजार 47%
चीन 15%
एशियन डेवलेपमेंट बैंक 13%
वर्ल्ड बैंक 10%
जापान 10%
भारत 2 %
अन्य 3%
श्रीलंका पर जितना कर्ज है, उसमें 47 फीसदी कर्ज तो बाजार से लिया गया है. इसके बाद 15 फीसदी कर्ज चीन का है, एशियन डेवलेपमेटं बैंक से 13 फीसदी, वर्ल्ड बैंक से 10 फीसदी, जापान से 10 फीसदी भारत से 2 फीसदी और अन्य जगहों का कर्ज 3 फीसदी है. श्रीलंका सरकार ने कर्ज लेकर तो खूब ऐश की, लेकिन अब वक्त चुकाने आया है तो खजाना खाली है, जनता सड़क पर है और विपक्ष उसके साथ खड़ा है, जिससे पूरी राजपक्षे सरकार की नींद उड़ गई है. विपक्ष आने वाले दिनों में प्रदर्शनों को और तेज करने की बात कह रहा है.

विपक्ष के नेता सजिथ प्रेमदासा ने एक बयान में कहा, ‘हम अपना विरोध कम नहीं करने वाले, हमारी मांगे देश की जनता की मांगें है और हम अपनी मातृभूमि के लोगों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.’ ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर श्रीलंका ऐसी हालत में क्यों पहुंचा.

कैसे दिवालिया हुआ श्रीलंका?
श्रीलंका के दिवालिया होने के कई कारण है, इसमें सरकार की नीतियां भी जिम्मेदार है और कुछ कोरोना भी.

श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर काफी निर्भर थी
कोरोना के कारण पर्यटकों की कमी के बुरा असर हुआ
भ्रष्टाचार पर सरकार ने लगाम नहीं लगाई
रासायनिक उर्वरक पर पाबंदी से उत्पादन गिर गया
अनाज उत्पादन घटने से महंगाई बढ़ गया
पर्यटकों और उत्पादन की कमी से विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया
चीन से कड़ी शर्तों पर लिया कर्ज ने बेडा गर्क किया
नाराज जनता को लुभाने के लिए फ्री की स्कीम ने दिवालिया कर दिया
श्रीलंका के दिवालिया होने में सरकार की गलत नीतियां सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. जिसमें एक बड़ी गलती जनता को लुभाने के लिए मुफ्त का खेल भी है, ये खेल भारत में भी तेजी से पनप रहा है और अब देश के नौकरशाहों ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को भी आगाह किया है.