March 28, 2024

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बॉबी देओल ने नेपोटिस्म पर तोड़ी चुप्‍पी

बॉलिवुड ऐक्टर बॉबी देओल की ‘लव हॉस्टल’ हिट रही। इस शो में उन्होंने किलर विजय सिंह डागर का किरदार निभाया है। उनकी दमदार परफॉर्मेंस की हर तरफ तारीफ हो रही है, लेकिन अपने दो दशक के करियर में बॉबी ने असफलता भी देखी है।। उन्होंने अब अपनी जिंदगी के उस मुश्किल दौर की बात की है, जब वो डिप्रेशन में चले गए थे। इसके साथ ही उन्होंने नेपोटिज्म और अपने गलत फैसलों को लेकर भी कई राज खोले हैं।
SpotboyE.com से बात करते हुए ‘सोल्जर’ ऐक्टर ने डिप्रेशन से जूझने से लेकर गलत करियर चुनने तक को लेकर कई खुलासे किए। उन्होंने कहा, ‘मैं लकी और धन्य हूं कि मैं अपने पापा-मम्मी के घर पैदा हुआ। मैंने इस फैमिली को नहीं चुना, बल्कि मेरा यहां जन्म हुआ और इसमें मेरी कोई गलती नहीं है। मेरा सच में मानना है कि कोई व्यक्ति किसी भी परिवार का क्यों न हो, फिल्म इंडस्ट्री में हो या फिर बाहर, अगर लोग आपको नहीं देखना चाहते हैं तो वो नहीं करेंगे। जब मैंने अपना करियर शुरू किया था तो लोग मुझे पर्दे पर देखना पसंद करते थे और इसलिए मुझे काम मिला। अगर मुझे मेरी पहली फिल्म में प्यार नहीं मिलता तो मुझे इतनी आसानी से काम नहीं मिलता। मुझे काम मिलता रहा। मैंने हिट के बाद हिट दी, लेकिन फिर मैंने कुछ गलत चुनाव किए। चीजें काम नहीं आईं और मुझे काम नहीं मिला। अगर हम ऐसे देखें तो अगर पापा इंडस्ट्री में लेजेंड हैं तो मैं हर वक्त काम करता। इसलिए हर इंडस्ट्री में एक पिता असफल होने पर बेटे की मदद नहीं कर सकता।’

डिप्रेशन के दौरान की बात करते हुए बॉबी ने कहा, ‘3 साल तक मैं पूरी तरह अपने दुखों में खोया हुआ था। खुद को जाना। इससे बार निकलने के लिए एक ही शख्स ने मेरी मदद की और वो था खुद मैं। आपकी फैमिली पूरी जिंदगी आपको सपोर्ट कर सकती है, लेकिन वो आपको खड़ा करके काम पर नहीं भेज सकते। इसलिए मुझे खुद पर भरोसा करना शुरू करना पड़ा। मुझे ये देखकर दुख हुआ कि मेरी फैमिली मुझे ऐसे हाल में देखकर दुखी हो रही है। फिर मेरे दिमाग में कुछ आया और मैंने खुद से कहा… मुझे खुद को तैयार करना होगा, क्योंकि वो फैंस हैं, जो अभी भी मुझे फिल्मों में देखना चाहते हैं। बात बस इतनी सी थी कि मुझे खुद पर भरोसा करना शुरू करना था और मैंने पॉजिटिव रहने की कोशिश की। तब ये मुश्किल था। ये अभी भी कठिन है। हालांकि, लोग अब मेरे काम की सराहना कर रहे हैं, लेकिन एक ऐक्टर के लिए ये हमेशा कठिन होता है।