April 21, 2024

Jagriti TV

न्यूज एवं एंटरटेनमेंट चैनल

नॉन स्टिक बर्तन सेहत के लिए कितने खतरनाक?

आमतौर पर आपने देखा होगा कि यदि हम किसी सामान्य कढ़ाई या तवे पर कुछ भी पकाते हैं तो वह चिपकने लगता है। इसी वजह से कभी-कभी हम उन पर तेल या घी डालते हैं और पकाते हैं। पर ऐसा हमें बार-बार करना पड़ता है। बार-बार घी या तेल डालकर खाना पकाना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक होता है। इसलिए वैज्ञानिकों ने इस समस्या का एक उपाय खोजा और इन बर्तनों पर एक ऐसी परत चढ़ाने लगे जिससे उनमें कुछ भी चिपकता नहीं है। ऐसे बर्तनों को हम नॉन स्टिक बर्तनों के नाम से जानते हैं। ऐसे बर्तन बनाने के लिए इन पर एक खास पदार्थ की परत चढ़ाई जाती है। जिसे हम पॉलीटैट्राफ्लोरोइथाइलीन (polytetrafluoroethylene) यानि पीटीएफई कहते हैं। आमतौर से इस टैफ्लोन के नाम से जानते हैं।दरअसल, जब कोई पदार्थ पीटीएफई के संपर्क में आता है तो इस परत और पदार्थ के बीच फ्रिक्शन (riction) यानि घर्षण बहुत कम होता है। आपको पता होना चाहिए कि पीटीएफई एक प्लास्टिक पॉलिमर (Plastic polymer) है, जिसके अणु कार्बन और फ्लोरीन की बहुत बड़ी परमाणु शृंखला से बने होते हैं, जिसे हम ‘पॉलीमर’ कहते हैं। इसमें हर एक कार्बन परमाणु दो कार्बन और दो फ्लोरीन परमाणुओं के साथ जुड़ा होता है। पीटीएफई के अणुओं के बीच कोहसिव यदिन ससंजक बल बहुत अधिक होता है, जो कि इन अणुओं को आपस में जोड़े रखता है। परंतु पीटीएफई और उसके संपर्क में आने वाली वस्तु के मध्य वान्डर बॉल बल बहुत कम होने के कारण यह किसी और वस्तु के साथ चिपक नहीं पाता है।

यही नहीं, यह पदार्थ बहुत से रसायनों के प्रति निष्क्रिय है। इस पर किसी और धातु का प्रभाव नहीं पड़ता। शायद इन्हीं वजहों से नॉन स्टिक बर्तनों की बिक्री भी बढ़ गई है।

Teflon is also harming us

इन सब अच्छाइयों के पीछे चौंका देने वाली र्की बुराइयां भी छिपी हुई हैं। यह बात सच है कि टैफ्लोन वाले बर्तन हमारे लिए काफी उपयोगी हैं, परंतु यह भी सच है कि टैफ्लोन हमें नुकसान भी पहुंचा रहा है। जब हम बर्तनों को ज्यादा गरम कर देते हैं, तो टैफ्लोन से घातक धुआं निकलता है जो न केवल हमारे लिए खतरनाक है, बल्कि आस-पास के पक्षियों को भी प्रभावित करता है। इसके कारण इंसानों में फ्लू के लक्षण पैदा हो जाते हैं। आगे जाकर जानलेवा भी बन सकता है। कुछ प्रयोगों से यह भी पता चला है कि चूल्हे पर दो या पांच मिनट रखने से ही इन नॉन स्टिक बर्तनों की परत (टैफ्लोन) टूटने लगती है और जिसके कारण खतरनाक पदार्थ निकलने लगते हैं।बाजार में कुछ कंपनियां हैं जो स्टेनलैस स्टील और कास्ट आयरन से बने बर्तन बनाती रही हैं। ये बर्तन नॉन स्टिक बर्तनों की अपेक्षा अच्छे माने जाते हैं। क्योंकि इनसे जानलेवा बीमारियों का खतरा भी नहीं रहता। जहां तक हो सके वहां तक हमें नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए, या फिर इन्हें बड़ी सूझबूझ के साथ ही इस्तेमाल करना चाहिए।