हर पैरेंट्स अपने बच्चों की गलतियों को लेकर थोड़े चिंतित रहते हैं। उन्हें समझ नहीं आता कि आखिर बच्चों की गलतियों को कैसे सुधारें। बच्चों को सही राह पर लाने के लिए आमतौर पर सभी पैरेंटस एक ही चीज करते हैं, वो है डांटना यार फिर सजा देना पर क्या आप जानते हैं कि सजा भी दो तरह की होती है – पॉजीटिव पनिशमेंट और नेगेटिव पनिशमेंट।
पॉजीटिव पनिशमेंट से जहां बच्चे अच्छे और संस्कारी बन सकते हैं, वहीं नेगेटिव पनिशमेंट का उनके जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है। पैरेंटिंग के नजरिए से देखा जाए, तो नकारात्मक सजा का मतलब किसी भी चीज को दूर करना है, जिसे करने में आपके बच्चे को मजा आता है या जो करना उसे पसंद है। पैरेंट्स जब बच्चे की हर एक गलती पर पनिशमेंट देते हैं, तो इससे बच्चे के व्यवहार पर सकारात्मक असर पड़ऩे की बजाय नकारात्मक असर होता है। ऐसे में बच्चे ढीठ हो सकते हैं और आपकी बातों को अनसुना भी कर सकते हैं।बता दें कि बच्चे को थप्पड़ मारना, डंडे से पिटाई करना, खाना -पीना ना देना, टायॅलेट का उपयोग न करने देना आदि नेगेटिव पनिशमेंट की कैटेगरी में आते हैं। विशेषज्ञ ऐसा करने की बजाय दूसरे तरीकों को अपनाने की सलाह देते हैं। यहां कुछ नेगेटिव पनिशमेंट के उदाहरण बताए गए हैं, जिनसे लगभग हर माता-पिता को बचना चाहिए।
अगर आप बच्चे की कुछ चीजों पर लिमिट सेट करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि प्रतिबंधों को लेकर परिवार के सभी सदस्य एकमत हों। अक्सर कई परिवारों खासतौर से ज्वाइंट फैमिली में ऐसा होता है। पैरेंट्स जहां बच्चे पर पांबदी लगाते हैं, वहीं घर के बुजुर्ग लाड़ प्यार के चलते उन्हें और बढ़ावा दे देते हैं। अगर आपके परिवार में ऐसा है, तो आपकी दी हुई सजा पूरी तरह से व्यर्थ है।
बच्चे पर लगाया गया कोई भी प्रतिंबध प्रासंगिक होना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर बच्चा स्क्रीन देखने में काफी समय बर्बाद कर रहा है, तो पहली फुर्सत में उससे टैबलेट या फोन ले लें या चाहें तो उसके फोन इस्तेमाल करने का एक टाइम फिक्स करें। उन पर रोकटोक करना या आउटडोर एक्टिविटी पर रोक लगाना फिजूल है।
बच्चे को किसी दोस्त की बर्थडे पार्टी या फिर किसी इवेंट में जाने से रोकना भी नेगेटिव पनिशमेंट कहलाती है। यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चा आपके प्रति नाराजगी जाहिर कर सकता है। इसके अलावा स्ट्रेस को दूर करने वाले खिलौने, रंग भरने वाली किताबें और आराम देने वाली अन्य चीजों से उन्हें दूर करने की सोचनी भी नहीं चाहिए।
बच्चे के व्यक्तित्व और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में मदद करने वाली गतिविधियों में शामिल होने से रोकना भी नेगेटिव पनिशमेंट है। अगर आप सोच रहे हैं कि आप पनिशमेंट के तौर पर बच्चे को ड्रामा क्लास या स्पोटर्स क्लास जाने से रोक कर, सही कर रहे हैं तो असल में आप गलत हैं।
जब सही तरीके से नकारात्मक सजा देने की बात आती है तो बच्चे और खुद के लिए कुछ लिमिट तय करना जरूरी है। बच्चे पर प्रतिबंध न लगाएं। नेगेटिव पनिशमेंट की वजह से बच्चे बगावती हो सकते हैं या उनके मन में हीन भावना पैदा हो सकती है। उनसे घर के काम कराना, कमरे को साफ करना, जल्दी सोना नेगेटिव पनिशमेंट के अच्छे और रचनात्मक तरीके हैं, आप इन्हें आजमा सकते हैं।
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