बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद रिहा होने पर मेडिकल लीव सर्टिफिकेट से पता चला है कि उनकी पीठ और कंधे पर कई चोटें आई हैं. दस्तावेजों में इसकी पुष्टि हुई है. बग्गा ने आरोप लगाया है कि पंजाब पुलिस द्वारा मारपीट के बाद वह घायल हो गए. अब संभावना है कि भाजपा नेता द्वारा पंजाब पुलिस के खिलाफ तीसरी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
बग्गा को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्वयं सिद्ध त्रिपाठी के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने अब जनकपुरी के एसएचओ को बग्गा की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. पंजाब पुलिस के वकील आर.के.राठौर के मुताबिक, बग्गा ने अपने वकील के माध्यम से द्वारका कोर्ट का रुख किया था. याचिका में कहा गया है कि वह लापता थे या अज्ञात व्यक्तियों उन्हें ले गए थे. द्वारका कोर्ट ने उन्हें पेश करने का आदेश दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस हरकत में आई और बग्गा के बारे में हरियाणा पुलिस को सूचना दी.इसके बाद पंजाब पुलिस को रोका गया और बग्गा को रिहा कर दिया गया। चूंकि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने यह आदेश पारित किया था, बग्गा को त्रिपाठी के समक्ष पेश किया गया. अब द्वारका कोर्ट ने अपने आदेश में नोट किया है कि बग्गा को ऐसी ही घटना की आशंका है जो निकट भविष्य में उनके साथ हो सकती है और इसलिए थानेदार जनकपुरी उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान करें.
अपने आदेश में अदालत ने उल्लेख किया, एसएचओ को शिकायतकर्ता (बग्गा) की सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाता है, उन्हें घर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए, इसके संबंध में किसी और आदेश की कोई आवश्यकता नहीं है.
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