यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस को घेरने में जुटे अमेरिका ने एक बार फिर से भारत को धमकी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के आर्थिक सलाहकार ब्रायन दीसे ने कहा है कि हमने भारत को रूस के नक्शे कदम पर चलने के प्रति आगाह किया है। ब्रायन ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी यूक्रेन पर हमले को लेकर भारत की ओर से आई कुछ प्रतिक्रिया से ‘निराश’ हैं। इससे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने अपने भारत दौरे के दौरान रूस को लेकर धमकी दी थी।
वाइट हाउस नैशनल इकनॉमिक काउंसिल के डायरेक्टर ब्रायन दीसे ने कहा कि निश्चित रूप से कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर यूक्रेन हमले के संदर्भ हमें चीन और भारत के फैसलों ने निराश किया है। ब्रायन ने कहा कि अमेरिका ने भारत को बता दिया है कि रूस के साथ और खुलकर रणनीतिक गठजोड़ करने पर उसके भयंकर दुष्परिणाम भुगतने होंगे और वे लंबे समय तक चलेंगे। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट मुताबिक अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने अमेरिकी दबाव के आगे झुकते हुए रूस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन भारत ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाने से परहेज किया है।
भारत तेल की बढ़ती कीमतों की मार से बचने के लिए रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है। भारत और रूस के बीच घनिष्ठ मित्रता है और मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकेगी। भारत के इस रुख से अमेरिका चिढ़ा हुआ है और लगातार धमकियां दे रहा है। इससे दोनों देशों के बीच संबंध जटिल होते जा रहे हैं। वह भी तब जब अमेरिका एशिया में चीन के प्रभाव से निपटने के लिए भारत को एक महत्वपूर्ण भागीदार मानता है।
दीसे का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अमेरिका के भारतवंशी डेप्युटी एनएसएस दलीप सिंह ने पिछले सप्ताह भारत की यात्रा भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस सेक्रटरी जेन साकी ने इससे पहले कहा था कि दलीप सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान जो अपने भारतीय समकक्ष से स्पष्ट किया वह यह है कि हमारा मानना है कि यह भारत के हित में नहीं है कि रूस से ऊर्जा और अन्य सामानों का आयात तेज करे।’
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने रूस पर नए प्रतिबंधों को लेकर बुधवार को कहा कि अमेरिका और जी7 देश भारत के साथ सहयोग करते रहेंगे और आशा करते हैं कि वे हमारे प्रयासों का अधिकतम हिस्सा बनेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत खाद्यान सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को लेकर सहयोग करते रहेंगे। इस बीच जेन पसाकी ने बुधवार को दिए अपने ताजा बयान में कहा कि अमेरिका ऊर्जा आयात में विविधता लाने में भारत की मदद करने को तैयार है।
जेन साकी ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि भारत को रूस से ऊर्जा तथा अन्य सामान का आयात बढ़ाना या तेज करना चाहिए। हालांकि, जाहिर तौर पर ये फैसले देश अपने हिसाब से लेते हैं।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘अमेरिका यह भी स्पष्ट कर रहा है कि हम भारत का उसके आयात में विविधता लाने के किसी भी प्रयास में मदद और एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के तौर पर सेवा करने के लिए तैयार हैं क्योंकि वे रूस से केवल एक या दो प्रतिशत तेल ही आयात कर रहे हैं।’
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