कर्नाटक में हिजाब पहनने वाली शिक्षिकाएं परीक्षा की ड्यूटी से बाहर रहेंगी. कर्नाटक सरकार ने फैसला किया है कि हिजाब पहनने वाले स्कूल और कॉलेज की शिक्षिकाओं को सेकेंडरी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएसएलसी) के साथ-साथ प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) परीक्षा ड्यूटी पर नहीं रखा जाएगा. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने पुष्टि की कि सरकारी कर्मचारियों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है. बीसी नागेश ने कहा कि चूंकि छात्रों के लिए परीक्षा हॉल के अंदर हिजाब की अनुमति नहीं है. नैतिक रूप से सही होने के लिए हम उन टीचर्स को मजबूर नहीं कर रहे हैं जो हिजाब पहनने पर जोर देते हैं. ऐसे शिक्षिकाओं को परीक्षा ड्यूटी से मुक्त करने का फैसला लिया गया है.
हिजाब पहनने वाली टीचर्स की परीक्षा में ड्यूटी नहीं
कर्नाटक में SSLC परीक्षाएं चल रही हैं और अप्रैल के मध्य में समाप्त होंगी और प्री-यूनिवर्सिटी (PU) परीक्षाएं इस महीने के अंत में शुरू होंगी. पिछले हफ्ते मैसूर जिले में SSLC परीक्षा निरीक्षण कार्य के लिए तैयार की गई एक शिक्षिका को कथित तौर पर हिजाब पहनने पर जोर देने के बाद ड्यूटी से हटा दिया गया था. एसएसएलसी और पीयू दोनों परीक्षा ड्यूटी के लिए सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को शामिल किया गया है.
कर्नाटक में SSLC के बाद पीयू परीक्षाएं
मैसूर के एक सरकारी पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा है कि अगर हमें पीयू परीक्षा के लिए पर्यवेक्षकों की कमी का सामना करना पड़ेगा तो हम हाई स्कूल के शिक्षकों को इसमें मदद के लिए बुला सकते हैं. गौरतलब है कि कर्नाटक में हिजाब विवाद काफी गहरा गया था. कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस पर फैसला देते हुए कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम की परंपरा का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. वहीं कोर्ट ने ये भी कहा था कि छात्र-छात्राएं स्कूल या कॉलेज में तयशुदा यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं.
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