केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लैंसेट के उस रिसर्च को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि भारत में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों की कुल अनुमानित संख्या जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच 40 लाख 70 हजार थी, जो बताए गए आंकड़े की तुलना में आठ गुणा अधिक थी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को ‘अटकलों और गलत सूचना पर आधारित’ करार दिया है. मंत्रालय ने कहा, ”विश्लेषण के लेखकों ने खुद कार्यप्रणाली में खामियों और विसंगतियों को स्वीकार किया है.”
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अध्ययन विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग तरीकों को ध्यान में रखकर किया गया है. उदाहरण के तौर पर भारत के लिए अध्ययन में उपयोग किए गए आंकड़ों का स्रोत समाचार पत्रों की रिपोर्ट और गैर प्रकाशित अध्ययनों पर आधारित लगता है.
‘द लैंसेट’ ने बृहस्पतिवार को बताया कि 31 दिसंबर, 2021 तक दुनियाभर में जितनी मौतें हुईं, उनमें 22.3 प्रतिशत लोगों की मौत भारत में हुई. विश्लेषण के अनुसार दुनियाभर में उस अवधि तक 59 लाख 40 हजार लोगों की मौत हुई , जिसमें से 18.2 प्रतिशत की मौत कोविड-19 के कारण हुई. यह पहले के अनुमान की तुलना में लगभग तीन गुणा अधिक थी.
पत्रिका ने कहा कि उस अवधि के दौरान भारत में कोविड-19 से जान गंवाने वालों की संख्या 4,89,000 बताई गई थी. पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट, ‘कोविड-19 मृत्यु दर का अनुमान: कोविड-19 से संबंधित मृत्यु दर का एक व्यवस्थित विश्लेषण, 2020-21’ में यह दावा किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ”देशों के स्तर पर, भारत में कोविड-19 के कारण सबसे अधिक 40 लाख 70 हजार लोगों की मौत हुई.” रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के बाद सबसे अधिक मौतें अमेरिका (11 लाख 30 हजार) में हुईं. वहीं रूस में 10 लाख 70 हजार, मेक्सिको में 798,000, ब्राजील में 792,000, इंडोनेशिया में 736,000 और पाकिस्तान में 664,000 लोगों की मौत हुई. रिपोर्ट के अनुसार, ”12 महीने की अवधि के दौरान दुनियाभर में कोविड-19 के चलते जितनी मौतें हुईं, उनमें से आधे से ज्यादा मौतें इन देशों में हुईं.”
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