हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत तक हर घर को नल का जल मिलेगा। करीब 18 लाख परिवारों को कनेक्शन दिया जाएगा। जलजीवन मिशन के तहत नए कनेक्शन दिए जा रहे हैं। अहम सवाल यह है कि क्या अब भी प्रदेश जल के लिए विकल रहेगा। सर्दी के मौसम में भारी हिमपात व बारिश से विभिन्न स्रोतों में पानी की मात्रा बढ़ गई है। पेयजल स्रोतों से आपूर्ति दुरुस्त हो पाएगी या नहीं, यह गर्मी का आने वाला सीजन तय करेगा। दावा है कि मौजूदा सरकार ने पेयजल के जितने कनेक्शन आवंटित किए, उतने पिछले 72 साल में नहीं हुए थे।
प्रदेश में जलजीवन मिशन के तहत कनेक्शन लगाने के लिए 100 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके अलावा बिल अलग आएगा। जलजीवन मिशन के तहत प्रदेश को चौथी किस्त मिल चुकी है। मिशन के तहत प्रदेश का प्रदर्शन बेहतर रहा है। इस संबंध में प्रदेश को केंद्र की ओर से प्रोत्साहन राशि भी मिली है।
टशीगंग गांव भी नल से जुड़ा
भारत-चीन सीमा के पास देश का सबसे ऊंचे मतदान केंद्र स्पीति घाटी का टशीगंग गांव भी नल से जुड़ा है। केंद्र सरकार ने जलजीवन मिशन की शुरुआत की थी। इसके तहत सभी घरों में नलों के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा जल गुणवत्ता और संरक्षण विषय के तहत जलशक्ति विभाग ने प्रदेश के स्वर्ण जयंती समारोह के हिस्से के रूप में कार्यक्रमों का आयोजन किया था।
जलजीवन मिशन
9 लाख 21,653 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन अप्रैल 2020 तक दिए गए।
17.28 लाख ग्रामीण परिवारों को 15.79 लाख पेयजल कनेक्शन दिए गए जनवरी 2022 तक।
2 लाख 44,351 परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य था वित्त वर्ष 2020-21 में।
1553 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। इसके तहत 2,896 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य था।
2024 तक चलेगा जलजीवन मिशन। यह मिशन पूरे देश में चल रहा है।
2 साल में रिकार्ड 7.93 लाख घरों को नल से जोड़ा गया है हिमाचल में।
2 साल पहले ही जलजीवन मिशन के लक्ष्य को हासिल करेगी हिमाचल सरकार।
3500 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं योजना पर। इसमें 90 प्रतिशत पैसा केंद्र देगा और शेष 10 प्रतिशत राशि प्रदेश सरकार वहन करेगी।
1500 करोड़ रुपये खर्च करेगी प्रदेश सरकार जलजीवन मिशन पर।
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