April 18, 2024

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इमरान खान की गद्दी को खतरा, 25 मार्च से पाकिस्तान में संसद का विशेष सत्र

पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने प्रधान मंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 25 मार्च को संसद सत्र बुलाने की घोषणा की है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है।

रविवार को एनए सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के अनुसार, 25 मार्च से संसद सत्र की शुरुआत होगी। सत्र शुक्रवार सुबह 11 बजे शुरू होगा। स्पीकर असद कैसर ने अनुच्छेद 54 (3) और 254 के तहत विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र के लिए विपक्षी दलों पीएमएल-एन और पीपीपी ने बीती 8 मार्च को पत्र के जरिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। विपक्ष ने मांग की थी कि 21 मार्च तक सत्र बुलाया जाए।

एक तरफ विपक्ष कह रहा है कि पत्र भेजे जाने के 14 दिनों के भीतर सत्र बुलाया जाना चाहिए था, लेकिन आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि असाधारण परिस्थितियों के कारण इसमें देरी हो सकती है। इस मामले में देरी 22 मार्च से संसद भवन में शुरू हो रहे इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के हाई-प्रोफाइल 48वें शिखर सम्मेलन के कारण हुई है।
शुरू में विपक्ष ने समय पर सत्र नहीं बुलाने पर धरना देने की धमकी दी थी। हालांकि, संयुक्त विपक्ष ने इस बात पर जोर देते हुए अपने रुख को नरम किया कि पाकिस्तान की राजनीतिक उथल-पुथल को किसी भी तरह से इस आयोजन को प्रभावित नहीं करने दिया जाएगा। निचला सदन 25 मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करेगा। एक बार जब प्रस्ताव औपचारिक रूप से सदन द्वारा ले लिया जाता है, तो मतदान तीन से सात दिनों के बीच किया जाना चाहिए।

इमरान को बेदखल करने का समीकरण
69 वर्षीय इमरान खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर कुछ सहयोगी दल बदलने का फैसला करते हैं तो उन्हें हटाया जा सकता है। कुल 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान खान को हटाने के लिए विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत है। सत्ताधारी पीटीआई के पास सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है। पार्टी को कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।