भयंकर गर्मी और लू की वजह से कई राज्यों में गर्मी की छुट्टियां प्री-पोन कर दी गई हैं। वहीं कुछ राज्यों ने बढ़ते तापमान को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किए हैं। कई स्कूलों ने समय सात घंटे से घटाकर चार से पांच घंटे कर दिया है।
इस बीच मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन, यानी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गर्मी को लेकर स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की है।
आज जरूरत की खबर में जानते हैं केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की उस गाइडलाइन के बारे में, जिसमें बताया गया है कि स्कूली बच्चों के खाने-पीने में एहतियात से लेकर यूनिफार्म और ट्रांसपोर्ट सहित दूसरी चीजों में क्या-क्या बदलाव किए जा सकते हैं…
टाइम टेबल में बदलाव
स्कूल का समय सात बजे शुरू हो सकता है और दोपहर से पहले खत्म हो सकता है।
गर्मी को देखते हुए हर दिन स्कूल के घंटों (स्कूल आवर्स) की संख्या कम की जा सकती है।
स्पोर्ट्स और दूसरी आउटडोर एक्टिविटी सुबह करवाने की सलाह दी गई है।
स्कूल असेंबली को कम समय में खत्म कर क्लासेस शुरू करने का भी सुझाव है।
स्कूल ट्रांसपोर्ट
स्कूली बस और वैन में उतने ही स्टूडेंट्स बैठा सकते हैं, जितनी जगह हो।
बस या स्कूल वैन को छाया यानी शेड में खड़ा करना होगा।
बस में पीने का पानी और फर्स्ट ऐड किट की फैसिलिटी होनी चाहिए।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आने-जाने वाले बच्चों के पेरेंट्स उन्हें लेने-छोड़ने आएं।
जो बच्चे पैदल या साइकिल से आते हैं, वे अपना सिर ढककर रखें।
खाने को लेकर पेरेंट्स और स्कूल को ये सलाह दी गई है
गर्मी में खाना जल्दी खराब होता है इसलिए बच्चों को टिफिन में ऐसा खाना दिया जाना चाहिए, जो जल्दी खराब न हो।
टिफिन के समय बच्चों को हल्का भोजन करने की सलाह दी गई है।
PM पोषण प्रोग्राम के तहत गर्म पका हुआ ताजा खाना परोसा जाना चाहिए। जो टीचर इसके लिए जिम्मेदार हैं, वो परोसने से पहले भोजन की जांच जरूर करें।
स्कूलों की कैंटीनों को यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों को ताजा और गर्म खाना ही परोसा जाए।यूनिफॉर्म कुछ ऐसा
ढीले-ढाले और हल्के रंग के कॉटन के कपड़े पहनने की परमिशन दी जा सकती है।
गर्मी से बचने के लिए बच्चे फुल स्लीव्स की शर्ट पहन सकते हैं।
स्कूल मैनेजमेंट टाई को ढीली बांधने की परमिशन दें।
लेदर शूज की जगह कैनवास शूज पहनने की इजाजत दें।
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