November 19, 2024

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कैसे पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी से ओमान में भड़का गुस्सा

पैगंबर मोहम्मद को लेकर भाजपा प्रवक्ता रहीं नूपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर खाड़ी देशों का गुस्सा फूटा है। फिलहाल भाजपा ने नूपुर शर्मा और दिल्ली मीडिया प्रभारी रहे नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित किया गया है। लेकिन ओमान, कतर, कुवैत, बहरीन और ईरान समेत कई देशों ने इन बयानों पर ऐतराज जताते हुए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपने नेताओं पर भाजपा की यह कार्रवाई इन्हीं देशों से जुड़ी हुई है।

ग्रैंड मुफ्ती शेख ने ओमान में चलाया अभियान
दरअसल, इस घटना के बाद ओमान के ग्रैंड मुफ्ती शेख अहमद बिन हमाद अल खलीली ने भी ट्वीट करते हुए भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ अभियान चला दिया था। उन्होंने कहा कि भारत में सत्तारूढ़ पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता ने इस्लाम के दूत के खिलाफ ढीठ और अश्लील टिप्पणी की है। ग्रैंड मुफ्ती ने कहा कि ये एक ऐसा मामला है जिसके खिलाफ सभी मुस्लिमों को एक राष्ट्र के रूप में उठना चाहिए। अल खलीली के बयान के बाद अरब देशों में भारत का विरोध देखने को मिला, जिसे लेकर भाजपा ने सफाई देते हुए दोनों नेताओं को निष्कासित कर दिया।

ओमान के शासक ने कराया था महामृत्युंजय जाप!
इसी बीच ओमान के अंतिम शासक रहे सुल्तान कबूस बिन सईद अल सईद भी चर्चा में आ गए। अब भले ही ओमान में भाजपा नेता के बयानों से लोग भड़के हुए हैं लेकिन कभी सुल्तान कबूस ने मस्कट में एक हिंदू मंदिर का ना सिर्फ देखरेख करके पोषण किया बल्कि उन्होंने भारतीय पुजारियों को आमंत्रित भी किया था। इतना ही नहीं उस दौरान वहां महामृत्युंजय जाप और महा विष्णु यज्ञ का पाठ भी कराया गया था।भारत-ओमान के रहे हैं अच्छे संबंध
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में ओमान की यात्रा के दौरान उस शिव मंदिर परिसर का दौरा किया था। भारत-ओमान का संबंध गहरा है। ऐसे समय में जब खाड़ी पाकिस्तान की ओर झुके हुए थे, ओमान नियमित रूप से भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास करता रहा। एक तथ्य यह भी है कि भारतीय प्रवासी ओमान की आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा हैं और उन्हें देश के सबसे अमीर समुदायों में माना जाता है।

कतर और कुवैत ने भी दर्ज कराया विरोध
उधर ओमान ही नहीं कतर और कुवैत ने भारत के राजदूत को तलब कर नोट दिया जिसमें कहा गया कि बयान आपत्तिजनक और मुस्लिमों के लिए अपमानजनक है। कतर ने आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर भी चिंता जताई है। इसके बाद भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया कि भारत की तरफ से साफ कर दिया गया है कि ये बयान भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। वहीं जब तेहरान में जब भारतीय दूतावास में आपत्ति दर्ज कराई गई तो भारत ने कहा कि ऐसा बयान देने वाले लोग भारत सरकार में किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं और पार्टी से भी उन्हें निष्कासित कर दिया गया है।