हॉलीवुड की मार्वल फिल्मों का युनिवर्स हमारे यहां भी इतना विस्तृत हो चुका है कि सिनेमाघरों में फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखते हुए भी यह एहसास नहीं होता कि विदेशी फिल्म देख रहे हैं. इन फिल्मों के तमाम किरदार नई के साथ-साथ पुरानी पीढ़ी के लिए भी जाने-पहचाने बन चुके हैं. नतीजा यह कि कहानी में से कहानी निकलती जाती है और नए-पुराने किरदारों का दर्शक इंतजार करते हैं. उनके पर्दे पर आते ही रोमांच से भरे शोर के साथ स्वागत करते हैं. डॉक्टर स्ट्रेंज (बेनेडिक्ट कंबरबैच) भी ऐसे ही लोकप्रिय किरदारों में है और मार्वल की दुनिया के तमाम महामानवों की बीच उनकी पहचान अलग सुपर हीरो की है. लंबे समय बाद डॉक्टर स्ट्रेंज की यह कहानी आई है और इस बार मामला है मल्टीवर्स का। यानी हमारे ब्रह्मांड के समानांतर या पड़ोस में एक और ब्रह्मांड. इस तरह यह दो ब्रह्मांडों के बीच महामानवों की आवाजाही की कहानी है.
फिल्म की कई बातें बांधने वाली हैं. इसके किरदार, उनकी कहानियां, स्पेशल इफेक्ट्स से बनी उनकी दुनिया और अभिनेताओं का अभिनय. कहानी के केंद्र में भले ही डॉक्टर स्ट्रेंज है, लेकिन वांडा मैक्सिमॉफ उर्फ स्कारलेट विच (एलिजाबेथ ओल्सेन) उसे अपनी उंगलियों पर नचाती है. इस मल्टीवर्स की शुरुआत डॉक्टर स्ट्रेंज की प्रेमिका क्रिस्टीन पामर (राशेल मैकएडम्स) की शादी से होती है. वह डॉक्टर स्ट्रेंज के एक फैन से विवाह कर रही है और तभी बाहर हंगामा खड़ा हो जाता है. किशोरवय की अमेरिका शावेज (जोचीतल गोमेज) पर एक ऑक्टोपस-राक्षस हमला करके उसका अपहरण करना चाहता है. डॉक्टर स्ट्रेंज और वोंग (बेनेडिक्ट वोंग) उसे इस राक्षस से बचाते हैं और तब पता चलता है शावेज साधारण लड़की नहीं है. उसके पास अनोखी शक्ति है. वह एक ब्रह्मांड से दूसरे ब्रह्मांड में न केवल खुद जा सकती है, बल्कि किसी और को भी पहुंचा सकती है. कोई उसकी यह शक्ति छीनना चाहता है। कौन है वह और क्यों वह शावेज की शक्ति हासिल करना चाहता है. जैसे ही इस सवाल का जवाब मिलता है, कहानी नई रोचक पगडंडियों की तरफ बढ़ जाती है.
डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ मैडनेस वास्तव में किसी पागलखाने की दुनिया जैसी मालूम पड़ती है, जो दर्शक को ठहर कर सांस लेने का मौका नहीं देती. एक के बाद एक तेज रफ्तार दृश्यों में तेजी से बदलते ब्रह्मांड और उसमें रह-रह कर सामने आते सुपरहीरो फैन्स को चौंकाते हैं. दूसरे ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी जैसी एक और पृथ्वी है. वहां भी पृथ्वी के सुपरहीरो जैसे सुपरहीरो हैं. वही रंग-रूप और वैसी ही शक्तियों से लैस. उनका पारिवारिक-निजी जीवन भी पृथ्वी के महामानवों की तरह है. मगर आमने-सामने पड़ने पर इन महामानवों के जीवन में नए मोड़ आते हैं.
यह जरूर है कि अगर आप मार्वल के किरदारों से परिचित नहीं हैं, तो फिल्म को समझने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है. मगर ऐसा नहीं है कि सब कुछ सिर के ऊपर से निकल जाएगा. अलग-अलग सुपरहीरो अवतार अपनी जादुई शक्तियों से दर्शक पर असर करते हैं. यहां मूल बात हर कहानी की तरह सरल है. अन्याय के विरुद्ध लड़ाई और बुराई पर अच्छाई की जीत लेकिन यह भी सच है कि यहां कहानी में परतें हैं मगर इनका अपना रोमांच है. फिल्म अंग्रेजी के साथ हिंदी और कुछ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी रिलीज हुई है.
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