कोरोना महामारी ने जहां दुनिया भर की आर्थिक व्यवस्था को जर्जर कर दिया वहीं दुनिया में सैन्य खर्च में कहीं से भी कमी नहीं आई है। इस बाबत जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में दुनिया के तीन देश भारत, चीन और अमेरिका ने सैन्य खर्च में कोई कटौती नहीं की। वैश्विक सैन्य खर्च में इस साल सबसे अधिक बढ़त दर्ज की गई है। साल 2021 में यह खर्च बढ़कर 2.1 ट्रिलियन डालर हो गई।
स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने अपनी रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी। खर्च करने वाले दुनिया के सभी देशों में सबसे आगे अमेरिका, चीन और भारत हैं। इंस्टीट्यूट की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘साल 2021 में वैश्विक सैन्य खर्च में 0.7 फीसद की बढ़त दर्ज हुई। इस साल सबसे अधिक सैन्य खर्च करने वाले पांच सबसे बड़े देशों में अमेरिका, चीन, भारत, ब्रिटेन और रूस हैं। इन सब के खाते में कुल खर्च 62 फीसद रहा।’
इंस्टीट्यूट द्वारा जारी रिपोर्ट को तैयार करने वाले सीनियर रिसर्चर डा. डिएगो लोप्स डा सिल्वा ने बताया, ‘कोरोना महामारी के कारण आर्थिक व्यवस्था के कमजोर होने के बावजूद वैश्विक सैन्य खर्च रिकार्ड स्तर पर रहा।’
स्टाकहोम के इंस्टीट्यूट के अनुसार दुनिया भर में हुए सैन्य खर्च में भारत तीसरे नंबर पर है। यह खर्चा 76.6 डालर है। 2020 की तुलना में इसमें 0.9 फीसद की बढ़त दर्ज की गई वहीं 2012 से यह 33 फीसद बढ़ गया। वहीं रूस इस मामले में पांचवें दर्जे पर है। साल 2021 में रूस ने अपने सैन्य खर्चे में 2.9 फीसद की बढ़ोतरी की ओर यह 65.9 बिलियन हो गया। यह लगातार तीसरा साल रहा जब रूसी सेना का खर्च बढ़कर 4.1 फीसद हो गया। साल 2021 में ऊर्जा की बढ़ी कीमतों से रूस को अपने सैन्य खर्च को बढ़ाने में मदद मिली। SIPRI के सैन्य खर्च और हथियार उत्पादन कार्यक्रम के निदेशक ल्यूसी बेरौड सुड्रीयू ने बताया कि 2016-2019 के बीच तेल और गैस की कीमतों में कमी व मास्को पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस के सैन्य खर्चे में कमी आई।
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