बीते सालों में CNG कारें भारतीय बाज़ारों में बेहद लोकप्रिय हुई है। इसका कारण इसका पर्यावरण के प्रति अनुकूल होना, सस्ता ईंधन, अच्छा माईलेज और पर्याप्त सुरक्षित होना है। इसके अलावा, अगर CNG कार की ठीक से देखभाल की जाए तो इसे लंबे समय तक चलाया जा सकता हैं। देखभाल करने की बात की जाए तो, अन्य की तुलना में CNG कारों को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर आपके पास भी CNG से चलने वाली कार है तो यहां कुछ टिप्स शेयर करने वाले हैं, जिसके फॉलो करके आप अपनी कार को मेंटन रख सकते हैं।
पार्किंग –
हमेशा अपने CNG वाहन को छांव में ही पार्क करें। सीएनजी वाहनों में गैस होती है जो पेट्रोल आधारित वाहनों की तुलना में तेजी से वाष्पित हो जाती है। यही कारण है कि हमेशा सीएनजी वाहन को छाया में पार्क करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से आपकी कार सूर्य की सीधी रोशनी से बचती है तथा आपका केबिन अतिरिक्त गर्म नहीं होता है। यह एक बहुत ही आम और सरल रखरखाव कदम है जिसका सभी को पालन करना चाहिए।
ऑटमैटिक ईंधन मोड का प्रयोग करें –
जब आप अपनी कार में स्वचालित ईंधन मोड चालू करते हैं, तो कार पेट्रोल मोड में काम करना शुरू कर देती है। जब तापमान एक निश्चित स्तर तक पहुंच जाता है, तो कार सीएनजी मोड से चलने लग जाती है। यह मोड कार के इंजन के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि ईंधन इसे प्रभावी ढंग से लुब्रिकेट करने की सुविधा देता है।
स्पार्क प्लग की नियमित तौर पर जांच करें-
सीएनजी आधारित वाहनों में लगे स्पार्क प्लग अन्य कारों में लगे स्पार्क प्लग से बहुत अलग होते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि सीएनजी स्पार्क प्लग के मामले में वाहन के स्पार्क स्रोत और उसके धातु के सिरे के बीच मौजूद गैप बहुत कम होता है। इसलिए, ध्यान रखें कि आप अपने वाहन के स्पार्क प्लग की नियमित तौर पर जांच करते हैं और इसे हर 10,000 किलोमीटर में एक बार बदलते रहें।
एयर फिल्टर को नियमित तौर पर साफ करें और बदलते रहें –
कुछ ही दिनों में कार के एयर फिल्टर में ढेर सारी धूल और मलबा जमा हो जाता है। इसलिए इन्हें समय- समय पर साफ करना जरूरी है या जरूरत पड़ने पर इन्हें बदल दें। एक गंदा एयर फिल्टर वाहन की ईंधन इकॉनमी में बाधा डालता है, जो लंबे समय में काफी महंगा साबित होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कहा जाता है कि आप हर 5000 किलोमीटर के निशान के बाद अपने वाहन के फिल्टर को बदल दें।
CNG सिलेंडर की समय-समय पर जांच करवाएं
सीएनजी मोड पर कार को ज्यादा देर तक चलाते रहने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि ऐसा करने से सिलेंडर पर बना दबाव कम हो जाता है और वाल्व फटने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए, सुनिश्चित करें कि कार के इंजन को उचित पेट्रोल की आपूर्ति मिलती रहे। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप वाहन के वाल्व को बार-बार बदलते रहें क्योंकि वे समय के साथ खराब हो जाते हैं।
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