November 19, 2024

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हैदराबाद में 11 जिंदा जले

हैदराबाद की एक दर्दनाक घटना ने पूरे देश के झकझोर कर रख दिया है। एक छोटी सी चिंगारी अगर शरीर में कहीं छू जाए जो इंसान तिलमिला जाता है, जरा सोचिए 11 लोग एक हादसे में जिंदा जल गए। देर रात तकरीबन तीन बजे तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के भोईगुड़ा इलाके स्थित एक कबाड़ के गोदाम में आग लग गई। जलने वाले सभी मजदूर थे और वो बिहार के मूल निवासी थे। ये मजबूत दिनभर मेहनत मजदूरी करके उसी कबाड़ गोदाम में जाकर सो रहे थे। मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था। ये सभी रात को सोए तो मगर अगली सुबह का सूरज इनके नसीब में नहीं था
रात के तीन बजे पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को अलर्ट मिला। फायर बिग्रेड की नौ गाड़ियां मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों के हक्के बक्के छूट गए। आग की लौ आसमान छू रहीं थीं मगर तब तक किसी को नहीं पता था कि अंदर 12 लोग भी मौजूद हैं। फायर बिग्रेड ने तुरंत आग पर काबू पाया मगर तब तक 11 लोग झुलस चुके थे, और उनकी मौत हो चुकी थी। पुलिस के अनुसार शादवां व्यापारियों के कबाड़ संग्रह केंद्र की पहली मंजिल पर 12 मजदूर सो रहे थे और ग्राउंड फ्लोर पर आग लगी थी। मध्य क्षेत्र के डीसीपी एम राजेश चंद्रा ने बताया कि मजदूरों के बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता भूतल में कबाड़ की दुकान के माध्यम से था जिसका शटर बंद था।’

दिल कंपा देने वालीं तस्वीरें
वो तस्वीरें इतनी भयानक हैं कि न हम दिखा सकते हैं और न ही आप देख सकते हैं। जैसे ही आग की तपन उनके शरीर तक पहुंची, सभी लोग जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते रहे, चीखते रहे, मदद की गुहार लगाते रहे। मगर जिस रास्ते से उनकी जान बच सकती थी वो रास्ता ही बंद था। एक-एक करके उनका शरीर खाक होता चला गया। वो 11 मजदूर एक दूसरे को सिर्फ जलता हुआ देख पाए और कोई भी वहां पर बच नहीं सका। मगर उनमें से एक मजदूर किसी तरह वहां से निकलने में कामयाब हो गया। तत्काल उसको अस्पताल ले जाया गया जहां पर उसका इलाज चल रहा है।

सभी श्रमिक बिहार के रहने वाले
हैदराबाद के सीपी सीवी आनंद ने कहा कि मजदूरों में से एक इमारत से बाहर निकलने में कामयाब रहा। उसका इलाज चल रहा है। गोदाम में फाइबर केबलों के कारण घना धुआं हुआ और आग की तीव्रता बढ़ती चली गई। फायर बिग्रेड के एक अधिकारी ने बताया कि कचरा गोदाम में खाली शराब की बोतलें, कागज, प्लास्टिक और केबल थे। पहली मंजिल से एक लोहे की सीढ़ी नीचे भूतल से जुड़ी थी। पहली मंजिल पर दो कमरे थे और सभी 11 शव एक कमरे से बरामद किए गए थे। एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए थे। शवों की शिनाख्त नहीं की जा सकती। पुलिस ने कहा कि ज्यादातर पीड़ित प्रवासी श्रमिक थे। पीड़ितों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।

कई लोगों की मौत धुएं के कारण
ये सभी मजदूर बिहार के छपरा जिले के रहने वाले थे। शहर के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद के मुताबिक छपरा जिले के रहने वाले ये मजदूर पिछले दो साल से 12,000 रुपये मासिक वेतन पर काम कर रहे थे। आग से झुलसकर मरने वाले सभी मजदूर 20 से 30 साल के उम्र के थे। अधिकारी ने बताया, ‘लगभग चार बजे एक सिलेंडर में विस्फोट हुआ और हमें डायल 100 कॉल मिली। हमारे नाइट ड्यूटी अधिकारी अग्निशमन विभाग के कर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। कोई नहीं जानता कि श्रमिक यहां रह रहे थे। ऐसा लगता है कि मालिक ने उन्हें कबाड़ गोदाम के ऊपर पहली मंजिल पर रहने की जगह मुहैया कराई थी। कई पीड़ितों की मौत धुएं के कारण हुई है।’