TMC की सांसद महुआ मोइत्रा के एक ट्वीट से इन दिनों कई लोग खुद को रिलेट कर रहे हैं। आज की जरूरत की खबर शुरू करने से पहले उनके उस ट्वीट पर नजर डालते हैं-
‘पिता के लिए ₹1499 रुपए की ट्राउट अंसल प्लाजा के डिकेथलॉन इंडिया से खरीदने आई हूं.. मैनेजर कह रहे हैं कि मुझे अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी खरीदारी करने के लिए बताना होगा। डेक्थलॉन इंडिया मुझे माफ करिए, आप निजता के कानून और उपभोक्ता के कानूनों का हनन कर रहे हैं। मैं इस वक्त स्टोर में हूं।’
महुआ की तरह हममें से कई लोग हैं, जो आए दिन ऐसे ही किसी ब्रांडेड स्टोर में जाते हैं, जहां हमसे पर्सनल डिटेल मांगी जाती है। कभी आपने सोचा है कि क्या मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देना जरूरी है? इस मामले में आपके (ग्राहक) के क्या अधिकार हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिए हमने बात की एडवोकेट सचिन नायक और एडवोकेट अर्पित सक्सेना से-
सवाल- क्या दुकानदार ग्राहक से उसका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मांग सकता है?
जवाब- जी हां, दुकानदार या मॉल में ग्राहक से उसका मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी मांगा जा सकता है। आजकल नंबर मांगना और देना दोनों ही लोगों को आम बात लगती है। इसलिए लोग बिना सोचे सामने वाले को पर्सनल डिटेल दे देते हैं।
नंबर देना-लेना अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस बन गया है, जिसका लोग बुरा भी नहीं मानते हैं। यही हमारी सबसे बड़ी भूल है।
सवाल- क्या ग्राहक के लिए दुकान या मॉल में अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी देना जरूरी है?
जवाब- दुकानदार के मांगने के बावजूद अगर ग्राहक नहीं चाहता है तो उसके लिए किसी शोरूम, दुकान, होटल या मॉल जैसी जगहों पर अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी देना जरूरी नहीं है। कोई भी दुकानदार ग्राहक से पर्सनल डिटेल मांगने के लिए जोर-जबरदस्ती नहीं कर सकता है।
सवाल- नंबर, आईडी और किसी भी तरह की पर्सनल डिटेल किन जगहों पर देना जरूरी है?
जवाब-
अगर कोई दुकानदार आपको E-Bill भेज रहा है तो ऐसे में मोबाइल नंबर देना जरूरी हो जाता है। किसी होटल में खाने का बिल प्रिंट में न देकर मोबाइल में डायरेक्ट भेज दिया जाए। ऐसी जगहों में मोबाइल नंबर लेने के बाद आपको किसी तरह का ऑफर या ऐड नहीं भेजा जाता है।
इसी तरह बैंक में अकाउंट खोलते वक्त और कैश डिपॉजिट करते वक्त फोन नंबर दे सकते हैं।
ऑनलाइन ट्रेन या फ्लाइट की टिकट बुक करा रहे हैं, तब देना जरूरी है।
नई जॉब जॉइन करते वक्त आप अपनी पर्सनल डिटेल दे सकते हैं।
आधार और पैन कार्ड बनवाते वक्त मोबाइल नंबर देना जरूरी है।
किसी स्टोर या शॉपिंग मॉल में नंबर देने से पहले …
अपने आपसे पूछें कि आपको नंबर देने की जरूरत ही क्यों है?
याद रखें कि आपका मोबाइल नंबर बैंक अकांउट से लिंक है, यह उसकी चाभी है।
जान लें कि साइबर क्राइम करने वालों तक आपका नंबर पहुंच गया तो उसका गलत इस्तेमाल होगा।
जिस निजता के अधिकार (राइट टू प्राइवेसी) का जिक्र महुआ मोइत्रा ने अपने ट्वीट में किया है, वह क्या है?
निजता का मतलब है प्राइवेसी। संविधान के अनुच्छेद -14 में समानता का अधिकार, अनुच्छेद -19 में अभिव्यक्ति की आजादी और अनुच्छेद – 21 में जीवन जीने का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार है। ये अधिकार आम नागरिकों के पास है।
इन तीनों में अनुच्छेद-21 राइट टू प्राइवेसी के सबसे करीब है। ये अधिकार नागरिकों की पर्सनल डिटेल जैसे उनका नाम, फोन नंबर, पता, उनकी बायोमेट्रिक डिटेल्स आदि की सुरक्षा करता है। निजता के अधिकार का हनन संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन माना जाता है।
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